Tuesday 21 April 2020

जानें तबलीगी चीफ मौलाना साद ने इंटरव्यू में क्या-क्या कहा

कोरोना वायरस के कहर के बीच दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज और उसके मुखिया मौलाना साद काफी समय से चर्चा में हैं। इस बीच तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने अपने वकील के माध्यम से हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ इंटरव्यू में कहा कि वह पुलिस की पूरी तरह से मदद करने को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मरकज की इमारत में किसी तरह की कोई गैर-कानूनी गतिविधि नहीं हुई। तो चलिए जानते हैं इस इंटरव्यू में मौलाना साद ने किन-किन सवालों का जवाब दिया है |


 

सवाल: क्या यह सही है कि आप पुलिस की जांच में मदद नहीं कर रहे हैं?

जवाब: यह पूरी तरह से गलत है। हमने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि अधिकारियों के साथ हर तरह से सहयोग करना जरूरी है; यह हमारा सौ वर्षों का इतिहास रहा है। यह सवाल से परे है कि जांच अधिकारियों का कोई समर्थन नहीं किया जाएगा। अब तक हमें दिल्ली पुलिस से जो भी नोटिस मिले हैं, उनका विधिवत जवाब दिया गया है।

सवाल: आप अपने ऊपर लगे आरोपों पर चुप क्यों हैं?

जवाब: डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक, मैं सेल्फ क्वारंटाइन था और पुलिस इस तथ्य को जानती है और उसे मेरे ठिकाने के बारे में भी पता है। हम सोशल मीडिया के विशेषज्ञ नहीं हैं। इसलिए मेरी बात बहुत लोगों तक नहीं पहुंच सकती। मगर मैंने तुरंत तबलीगी के सदस्यों को संबोधित किया कि वे जहां कहीं भी हैं, आगे आएं और कोरोना वायरस को खत्म करने के उपायों में अधिकारियों का सहयोग करें, चाहे वह क्वारंटाइन हो, आइसोलेशन हो या जांच। 

सवाल: जमात को कथित बेहिसाब विदेशी फंडिंग पर आपका क्या कहना है? ईडी ने इस संबंध में आपके खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जवाब: यह पूरी तरह से आधारहीन और गलत है। हम इस बात पर गर्व करते हैं कि मरकज में कभी कोई गैर-कानूनी गतिविधि नहीं हुई है और हम हमेशा इसे इसी तरह से बनाए रखेंगे। हमें अभी तक इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है, ऐसे सभी आरोप मीडिया में ही चल रहे हैं हैं। मुझे यकीन है कि मैं इस तरह के किसी भी आरोप पर एक संतोषजनक स्पष्टीकरण दे सकूंगा, मगर इसके लिए मुझे पहले से पता होना चाहिए कि आरोप क्या है। 

सवाल: कुछ विदेशी जमातियों पर वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप हैं क्योंकि उन्होंने पर्यटक वीजा पर यात्रा की थी। मरकज ने ऐसा क्यों होने दिया?

जवाब: लोग दशकों से इस तरह से अनुमतियों पर हमारे देश में आ रहे हैं और अधिकारियों ने इसे कभी एक मुद्दे के रूप में प्वाइंट आउट नहीं किया। हम हमेशा मरकज निजामुद्दीन में विदेशियों की उपस्थिति की रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों को देते हैं। यह दशकों से चली आ रही प्रथा है। अपनी सीमित समझ के मुताबिक, मैं यह देखने में सक्षम नहीं हूं कि यह वीजा नियम के उल्लंघन के लिए कैसे होगा। मरकज न तो किसी विदेशी को आमंत्रित करता है और न ही यह विदेशियों के लिए किसी वीजा को स्पॉन्सर करता है।

सवाल: क्या भारत में महामारी के प्रसार में मरकज जिम्मेदार है?

जवाब: यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ सदस्यों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। मगर तबलीगी जमात के अधिकांश सदस्यों में निगेटिव पाया गया है। क्या यह मरकज को 'बीमारी के लिए जिम्मेदार' बनाता है? आपको लगातार यह सवाल खुद से भी पूछना चाहिए कि भारत में कोविड-19 का पहला मामला कब दर्ज किया गया था और क्या कार्रवाई की गई? फरवरी के अंत में और पूरे मार्च के दौरान कितने अन्य स्थानों पर बहुत बड़ी सभाएं हुईं, क्या उन्हें बीमारी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?

सवाल: आपको कोविड-19 के बारे में पता था, आपने इवेंट रद्द क्यों नहीं किया?
जवाब: यह मार्च में होने वाला एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था, जिसके लिए प्रतिभागियों ने दूर-दूर से पहुंचना शुरू कर दिया था। फरवरी के अंत तक और मार्च के मध्य तक सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा था। जैसे ही जनता कर्फ्यू लगा, हमने कार्यक्रम को बंद कर दिया और मरकज में आए प्रतिभागियों को बाहर निकाल दिया।

सवाल: कई मुस्लिम नेता जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
जवाब: मैं ऐसी किसी भी मांग के बारे में नहीं जानता। मैं कहना चाहूंगा कि मुझे पता चला है कि कुछ मामलों में जहां रोगियों में कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया और वे ठीक हुए हैं, उनके प्लाज्मा का उपयोग उपचार के लिए किया जा सकता है। मैं अपने तबलीगी जमात के दोस्तों से आग्रह करता हूं जो कोरोना से सफलतापूर्वक उबर चुके हैं, वे किसी भी जाति या धर्म के रोगियों को अपना प्लाज्मा दान करें, जो अभी इस बीमारी से लड़ रहे हैं।

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